(1)
स्वाद यादों का
चखी है तुमने
यादें
इनके स्वाद को
जाना है
कभी
मीठी याद
गुदगुदाती है मन को
फिर कभी कड़वी भी हो जाती है
कुछ खट्टी भी
लगती हैं
कभी बहुत बुरी हो जाती हैं
लगता हैं इन्हें
भूल जाओ
(2)
यादों का रंग
इनके रंग को जानना हो तो
इनके करीब जाना होता है
सफेद रंग
बिल्कुल शांत
सुर्ख लाल रंग
मुहब्बत से भरा हुआ
पीला रंग
दोस्ती लिये हुए
ऐसे ही होती है याद
जाने कितने रंगो में
सिमटी हुई ।
are wah !
जवाब देंहटाएंrangeen yado kee aapne to holi hee khiladee........
Aabhar
वाह जी………………गज़ब कर दिया ………………यादों के रंगों के साथ साथ उनका स्वाद भी चखा दिया……………बेहतरीन्।
जवाब देंहटाएंयादों के रंग और स्वाद से रू-ब-रू होना एक सुखद अनुभूति रही। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबदलते परिवेश में अनुवादकों की भूमिका, मनोज कुमार,की प्रस्तुति राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
Kaisi,kaisi yaaden hoti hain...meethi yaden,jabtak sambandh meethe hote hain,tab tak hee meethi lagti hain...baad me kadvahat bhar deti hain...
जवाब देंहटाएंBahut sundar hain dono rachanayen!
आज तो बहुत प्यारे रंग दिखाए यादों के ..सच हर तरह की याद होती है ...जो साथ देती है हमारे नितांत क्षणों में ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहोत ही अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह जी………………………बेहतरीन्।
जवाब देंहटाएंये यादें ही तो हैं जो हमे तन्हाई मे साथ देती हैं । बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबधाई आपको।
आपकी कविता से ना जाने कितनी यादें याद आ गयीं... यादों का स्वाद बहुत अच्छा लगा.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति है!
जवाब देंहटाएंयादों का रंग और स्वाद ही तो जीवन को जीने लायक बनाता है... दोनों कविताएं बहुत ही भावप्रधान हैं...बधाई।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रंगों से सजी
जवाब देंहटाएंयादो के स्वादों पर एक बेहतरीन रचना.
जवाब देंहटाएंरंग है तो जिन्दगी के रंग हैं
जवाब देंहटाएंदोनों ही नज्में बहुत सुंदर.....!!
जवाब देंहटाएंयादें ... यादें .. यादें .... रंगबिरंगी यादें ... इनकी खुश्बू .... इनका मीठा कड़ुवा एहसास जीने नही देता .... पर सकूँ भी देता आई .... बहुत लाजवाब लिखा है ...
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 5-10 - 2010 मंगलवार को ली गयी है ...
जवाब देंहटाएंकृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया
http://charchamanch.blogspot.com/
आप सभी का बहुत-बहुत आभार, उत्साहवर्धन के लिये ।
जवाब देंहटाएंमीठी याद.... गुदगुदाती है मन को.... फिर कभी कडवी भी हो जाती है....
जवाब देंहटाएंलगता है इन्हें भूल जाओ!
सच में!
आशीष
--
प्रायश्चित
यादों पर,याद रखने लायक रचना ।
जवाब देंहटाएंभूला तो दूँ मैं उन यादों को जो तेरे साथ गुजरी ...
जवाब देंहटाएंमगर जो पल गुजरा तेरे साथ ही गुजरा ...!
यादों को क्या रंगों में ढला है !...लाज़वाब....
जवाब देंहटाएंक्या बात है..बहुत गज़ब!
जवाब देंहटाएंए ज़िन्दगी तुझे ..
जवाब देंहटाएंयादों ने सदा दी है
ए ज़िन्दगी तू
यादों में सदा जी है
.............
पुरमानी पुरकशिश ख्याल
बंधाई स्वीकारें
दुआ करते है सदा को सदा ख़ुशी मिले
Behatareen aur shandar abhivyakti.
जवाब देंहटाएंयादों पर छोटी छोटी अच्छी कवितायें ।
जवाब देंहटाएंइस विलक्षण रचना के लिए बधाई स्वीकारें...
जवाब देंहटाएंनीरज
Yahii hoti hain Yaade.......
जवाब देंहटाएंकितना मोहक !
जवाब देंहटाएंयादो का स्वाद वाह क्या खूब चखाया .....बहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंvery storng nano on memories
जवाब देंहटाएंcongrate
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंमेरी लिखी यादोँ का तो आपने बहुत पहले ही
एहसास कर लिया था !
अहसासों को महसूस करने वाले ऐसे ही होते हैं....
खुश रहें !
वाह! क्या रंग और क्या स्वाद दिखाए आपने. सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat. sach hi to hai .. rishte ke alag swaad bhi hote hai aur rang bhi .. aur yesabke jevan me alag alag hota hai .. bahdyi.
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