लोगो के गम
देना चाहता हूं
उनके होठों पे मुस्कान
पर उन्हें मेरी
इस बात पे यकीं नहीं होता
जरूर किसी ने उन्हें
धोखा दिया होगा,
तभी तो उन्हें आदत हो गई है
फरेब, मक्कारी की,
धोखे और बेईमानी की
वह सच में झूठ
हंसी में द्वेश
प्यार में नफरत को देखा करते हैं ।
तभी तो उन्हें आदत हो गई है
जवाब देंहटाएंफरेब, मक्कारी की,
धोखे और बेईमानी की
वह सच में झूठ
हंसी में द्वेश
प्यार में नफरत को देखा करते हैं ।
बहुत सुन्दर !
सच को सच मानने के लिए भी यकीन जोड़ना पड़ता है आज !
जरूर किसी ने उन्हें
जवाब देंहटाएंधोखा दिया होगा,
तभी तो उन्हें आदत हो गई है
फरेब, मक्कारी की,
धोखे और बेईमानी की
bahut hi sunder kavita......
bilkul sach kaha aapne.....
m speechless....
दूध का जला होगा
जवाब देंहटाएंghazab rachnaa !!!
जवाब देंहटाएंतभी तो उन्हें आदत हो गई है
जवाब देंहटाएंफरेब, मक्कारी की,
धोखे और बेईमानी की
वह सच में झूठ
हंसी में द्वेश
प्यार में नफरत को देखा करते हैंवाह बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। बधाई
Sach byaan kar rahe hain aap.
जवाब देंहटाएंजरूर किसी ने उन्हें
धोखा दिया होगा,
तभी तो उन्हें आदत हो गई है
फरेब, मक्कारी की,
धोखे और बेईमानी की
वह सच में झूठ
हंसी में द्वेश
प्यार में नफरत को देखा करते हैं ।
Panktiyaan sidhe sidhe saral shabdon me kahi hai aapne puri Saadgi se...
मजबूरी है उनकी,वो भी क्या करें....अपने अनुभवों में हंसी में द्वेष और प्यार में नफरत ही देखा है....कुछ सोचने को मजबूर करती हुई कविता...
जवाब देंहटाएंbadiya
जवाब देंहटाएंमैं आज बांटना चाहता हूं
जवाब देंहटाएंलोगो के गम
देना चाहता हूं
उनके होठों पे मुस्कान...
आपने सच्चाई को बयान करते हुए बहुत सुंदर रूप से प्रस्तुत किया है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है ! बहुत अच्छी लगी आपकी ये शानदार रचना !
YE SHAYAD VAQT KI MAAR HAI ... BAHUT ACHA LIKHA HAI ... BEBAAK BAYAAN ......
जवाब देंहटाएंवाहवा.... सुंदर कविता..
जवाब देंहटाएंसुन्दर परिकल्पना के साथ लिखी गई रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंवह सच में झूठ
जवाब देंहटाएंहंसी में द्वेश
प्यार में नफरत को देखा करते हैं ....
दोस्तों के हाथ में खंजर इतने देखे हैं की दुश्मनों से मुहब्बत हो गयी कटु सत्य है ...!!
... बेहद प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!!
जवाब देंहटाएंवाह क्या सोच है... बिलकुल कमाल..
जवाब देंहटाएंDear Blogger,
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हाँ!
जवाब देंहटाएंलोगों के गम बांटने वालों को अब और मेहनत करनी होगी
-अच्छे भाव जगाती सार्थक कविता।
बेहतरीन । धोखा खाते खाते सच भी संदेह के घेरे में आ जाता है ।
जवाब देंहटाएंBehtareen kavita, Sachche ehsash.
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