शब्दों का मरहम तो लगाया होगा तुमने जाने कितनी बार
कभी रोते हुये को भी हँसाया होगा तुमने जाने कितनी बार ।
सहमी है जिंदगी कतरा-कतरा हर ख्वाब दफन होता हो जहां,
इन हालातों में कहते हो संभल के चलना जाने कितनी बार ।
रिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
लगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
चला फिर साथ कितनी दूर तलक कोई ये कहना जरूरी तो नहीं,
थक कर मन को अपने समझाया होगा तुमने जाने कितनी बार ।
मंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये फिर भी,
रूठा मेरा नसीब पहुँचने से पहले उन तक सदा जाने कितनी बार ।
बढ़िया प्रस्तुति -
जवाब देंहटाएंआभार -
बहुत लाजबाब सुंदर गजल !!!
जवाब देंहटाएंRECENT POST: जुल्म
waah bahut Sundar prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेह्तरीन लाजबाब ग़ज़ल की प्रस्तुति.
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जवाब देंहटाएंरिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
लगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
चला फिर साथ कितनी दूर तलक कोई ये कहना जरूरी तो नहीं,
थक कर मन को अपने समझाया होगा तुमने जाने कितनी बार ।
मंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये फिर भी,
रूठा मेरा नसीब पहुँचने से पहले उन तक सदा जाने कितनी बार ।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति रूपकात्मक तत्व लिए बढ़िया रचाव अर्थ और भाव अभिव्यक्ति .
रिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
जवाब देंहटाएंलगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
चला फिर साथ कितनी दूर तलक कोई ये कहना जरूरी तो नहीं,
थक कर मन को अपने समझाया होगा तुमने जाने कितनी बार ।
लाजबाब सुंदर गजल !!!
LATEST POSTसपना और तुम
बहुत खूबसूरत और दिल छूती हुई ग़ज़ल......
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
चला फिर साथ कितनी दूर तलक कोई ये कहना जरूरी तो नहीं,
जवाब देंहटाएंथक कर मन को अपने समझाया होगा तुमने जाने कितनी बार ।
...बहुत खूब! बेहतरीन ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंरिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
लगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
वाह .....खूब लिखा है
रिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
जवाब देंहटाएंलगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
न जाने क्यों यह रचना बड़ी अपनी सी लगी .... अंतस को छू गयी ।
उम्दा,बहुत प्रभावीशाली गजल,!!!के लिए बधाई सदा जी,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : भूल जाते है लोग,
क्या खूब कहा आपने..........
जवाब देंहटाएंइस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको....
नवसंवत्सर की मंगलमय शुभ कामनाएं ....
धन्यवाद....
Bahut khub...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन दिल दा मामला है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सहमी है जिन्दगी कतरा कतरा -------|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना मन को छू गयी |
आशा
मंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये....
जवाब देंहटाएंलाजवाब ..बढ़िया ...
बहुत सुंदर !गहन भाव दशा को व्यक्त करतीं पंक्तियाँ...
जवाब देंहटाएंरिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
जवाब देंहटाएंलगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ..
गांठ कागा के रिश्ते चलते कहां हैं ... फिर तो बस ढोए जाते हैं ...
गहन भाव लिक्ये सोचने को विबश करती रचना ...
प्रगाढ़ अनुभूतियों की सुन्दर रचना .बहुत खूब .
जवाब देंहटाएंमंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये फिर भी,
जवाब देंहटाएंरूठा मेरा नसीब पहुँचने से पहले उन तक सदा जाने कितनी बार ।
...सब नसीबों का खेल है ...जो लिखा वह मिटता नहीं ...
बहुत बढ़िया
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंरिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
जवाब देंहटाएंलगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
बेबाक बाते दिल खोलकर निःशब्द करती
वाह, बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर! दिल को छू गयी रचना....
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
नवसंवत्सर की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआपको आपके परिवार को हिन्दू नववर्ष
की मंगल कामनायें
बारहा पढ़ने लायक बहुत खूब प्रस्तुति .शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए .
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खुबसूरत ।
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जवाब देंहटाएंमंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये फिर भी,
रूठा मेरा नसीब पहुँचने से पहले उन तक सदा जाने कितनी बार ।
बहुत खूब लिखा है शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .
रिश्तों की डोरियाँ बूढ़ी हो चली हैं जाने कब कौन साथ छोड़ दे,
जवाब देंहटाएंलगाकर गाँठ तुमने इनको चलाया भी होगा जाने कितनी बार ।
bahut sundar panktiyaan.....
गहन भाव लिये सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर की शुभकामनाएँ.
मंजिले अपनी जगह ठहरी रही कदम बेतहाशा दौड़ा किये फिर भी,
जवाब देंहटाएंरूठा मेरा नसीब पहुँचने से पहले उन तक सदा जाने कितनी बार
दिल को छू ली
शुभकामनायें !!
सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति गहन भावपूर्ण।।।।