शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

समझौतों की कोई जु़बान नहीं होती !!!


















तल्‍लीन चेहरों का सच
कभी पढ़कर देखना
कितने ही घुमावदार रास्‍तों पर
होता हुआ यह
सरपट दौड़ता है मन
हैरान रह जाती हूँ कई बार
इस रफ्त़ार से
....
अच्‍छा लगता है शांत दिखना
पर कितना मुश्किल होता है
भीतर से शांत होना
उतनी ही उथल-पुथल
उतनी ही भागमभाग
जितनी हम
किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
बीच खुद को खड़ा पाते हैं
...
समझौतों की कोई
जु़बान नहीं होती फिर भी
वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

38 टिप्‍पणियां:

  1. समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!
    अनुपम भाव संयोजन लिए बेहतरीन पंक्तियाँ... शुभकामनायें

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  2. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    सचमुच बहुत मुश्किल होता है... बेहद गहन भाव... आभार सदा जी

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  3. सच है समझौतों की जुबान नहीं होती ..मूक रहकर ही किये जाते हैं कई समझौते...

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  4. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग
    जितनी हम
    किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं .... superb

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  5. सच कहा ...हर समझौता मुश्किल हल कर लेता है...
    मगर हर समझौते के साथ भीतर कहीं कुछ मर भी जाता है....

    बहुत अच्छी लगी ये रचना...खास तौर पर ये पंक्तियाँ..
    अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना ...

    ढेर सा प्यार..
    अनु

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  6. पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना.....
    ---------------------------
    बेहद गहन भाव.

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  7. समझौतों की कोई ज़ुबान नही होती
    पर छटपटाहट होती है,जो बयाँ नही होती ....

    गहरे भाव ...
    शुभकामनायें!

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  8. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (15-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  9. समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

    बहुत उम्दा सृजन,,,, बधाई।

    recent post हमको रखवालो ने लूटा

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  10. सच कहा आपने . खुबसूरत ख्याल बोलते पद चिन्हों के साथ साहिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ते जो कह जाते हैं

    समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

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  11. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग
    जितनी हम
    किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं
    सही में समझौते की परिस्थिति में ऐसा ही
    महसूस होता है...गहन भाव रचना...

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  12. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग
    जितनी हम
    किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं

    जो जीता है वही समझ सकता है !!

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  13. बहुत सुंदर सदा जी !
    जितना आसान रास्ता है समझौता...
    उतना ही मुश्किल हो जाता है अक्सर उससे गुज़रना.....
    ~सादर!!!

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  14. बहुत सुंदर...
    सबके दिल की बात आपकी लेखनी के माध्यम सेः)

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  15. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना

    ....सच कितनी सुन्दरता से कह दिया...बहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति..

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  16. आसान रास्ता है समझौता पर कितना मुश्किल होता है बेहतरीन अभिवयक्ति.....
    प्रत्‍युत्तर दें. समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

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  17. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना ------aapki rachna ne bahut sahi kaha bhitar se shanti bahut kam hi milti hai

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  18. बाहर से शान्त दिखने वाला जरुरी नही कि वो अंदर से भी शान्त हो.भीतर से शान्त रहना बहुत मुश्किल होता है..भावपूर्ण अभिव्यक्ति.

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  19. किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं
    एक अनूठे बिम्ब से आपने एक मुश्किल प्रश्न को सरल कर दिखाया है।

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  20. सही कहा आपने इसे दिल से महसूस किया जा सकता है इसलिये इनकी कोई जबान नही होती

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  21. सम्झौता करने के लिए अपने दिल की आवाज़ मारनी पड़ती है .... सुंदर रचना

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  22. sahi kaha aapne -samjhouton ki koi jubaan nahi hoti..sundar abhivyakti..

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  23. मेरे दोस्त कहते हैं कि तू कितना शांत है लेकिन वे भीतर की हलचल नहीं समझ पाते। मुझे मनु प्रकाश जी की आपकी कविता पर की हुई टिप्पणी अच्छी लगी कि इसे दिल से महसूस किया जा सकता है इसलिए इनकी कोई जबान नहीं होती।

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  24. किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं ...अच्छा बिम्ब

    अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना

    सच कहा आपने

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  25. समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

    सच भी है और बेहद गहन विचार भी ... :)

    मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है : नम मौसम, भीगी जमीं ..

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  26. बहुत गहन और सार्थक भाव .....
    सुंदर रचना ...

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  27. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग

    सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  28. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  29. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग
    जितनी हम
    किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं

    वाह वाह बहुत ही सुन्दर........अंतिम वाले से पूर्णतया सहमत नहीं हूँ.....समझौते अक्सर कुछ टीस छोड़ जाते हैं ।

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  30. सादर आमंत्रण,
    हम हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर एकत्र कर रहे हैं,
    कृपया अपना ब्लॉग शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq

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  31. गंभीर सोच के साथ सधी हुई दिल की बाते

    जवाब देंहटाएं
  32. समझौतों की कोई
    जु़बान नहीं होती फिर भी
    वे हल कर लेते हर मुश्किल को !!!

    हर समय समझौता करना भी मुश्किल होता है. सुंदर प्रस्तुति.

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  33. what a beautiful line..
    अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    thnx for sharing.......Sada di

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  34. अच्‍छा लगता है शांत दिखना
    पर कितना मुश्किल होता है
    भीतर से शांत होना
    उतनी ही उथल-पुथल
    उतनी ही भागमभाग
    जितनी हम
    किसी व्‍यस्‍त ट्रैफि़क के
    बीच खुद को खड़ा पाते हैं

    वाह वाह बहुत ही सुन्दर सुंदर प्रस्तुति.

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