वो पगली है
बिल्कुल चंचल हवा सी
वह मुझे देवदार कहती तो
मेरे अधरों पे
एक मुस्कान ठहर जाती
मैने उसकी बातों को कभी
दिल से नहीं लिया
सौदागर कोई भी हो
क्या फर्क पड़ता है
सौदा तो मुहब्बत का ही होना था ...
उसने कभी कीमत अदा की
एक मुस्कराहट से
कभी खरीदना चाहा एहसासों को
आंसुओ से
प्यार तो अनमोल ही रहा
जब-जब मैने दूर जाने की बात की
उसकी पलकें मिचीं छलके आंसू
लब थरथराए लगा था
ये वक्त यहीं ठहर जाए ..पर
न वक्त ठहरा न हम
कोई हमारी वज़ह से आहत न हो
हमने उस चाहत को
खुद से जुदा कर दिया ...
बुलन्दी का जुनून उसे ले गया
ऊंचाइयों पे
मैं भी हूं शिखर पर
अब मुहब्बत नहीं सिर्फ एहसास है
क्या खोया क्या पाया
जिन्दगी ने जिन्दगी से ...
वक्त आज़ भी हमारे बीच कभी
कुछ लम्हे चुराकर लाता है
हम उन लम्हों को
दूसरों की जिन्दगी संवारने में लगा देते हैं
और फिर उन नज़रों में होता है
हमारे लिए बस एक सम्मान ... !!!
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंये वक्त यहीं ठहर जाए ..पर
जवाब देंहटाएंन वक्त ठहरा न हम
कोई हमारी वज़ह से आहत न हो
हमने उस चाहत को
खुद से जुदा कर दिया ...
इन पंक्तियों ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया...
पूरी रचना बेहतरीन है...बधाई
क्या फर्क पड़ता है
जवाब देंहटाएंसौदा तो मुहब्बत का ही होना था ...
हर बार मै जिया तुझे जिंदगी ...तू हर बार फिसल गयी ....सुन्दर भावों को व्यक्त करती एक अनुभवी कलम !!!
loving the creation..happy new year Sada ji...
जवाब देंहटाएंवक्त आज़ भी हमारे बीच कभी
जवाब देंहटाएंकुछ लम्हे चुराकर लाता है
हम उन लम्हों को
दूसरों की जिन्दगी संवारने में लगा देते हैं
और फिर उन नज़रों में होता है
हमारे लिए बस एक सम्मान ... !!!
Bahut khoob!
pyar ko sahi maynon men vyakt karti aapki yah post behad lubhavni hae.
जवाब देंहटाएंनज़रों में सम्मान बना रहे .. सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह ……………बहुत ही सुन्दर भावाव्यक्ति………यही तो सार्थक जीवन है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर .............हैट्स ऑफ इसके लिए|
जवाब देंहटाएंyahi samman mayne rakhta hai ...
जवाब देंहटाएंसदा जी,..बहुत खूब,
जवाब देंहटाएंबस हमारे लिए यही एक सम्मान,...
"काव्यान्जलि":
नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,
बुलन्दी का जुनून उसे ले गया
जवाब देंहटाएंऊंचाइयों पे
मैं भी हूं शिखर पर
अब मुहब्बत नहीं सिर्फ एहसास है
......
वाह !
जब-जब मैने दूर जाने की बात की
जवाब देंहटाएंउसकी पलकी मिचीं छलके आंसू
लब थरथराए लगा था
ये वक्त यहीं ठहर जाए ..पर
न वक्त ठहरा न हम
....
कोई नहीं ठहरता किसी के लिए भी न वक्त न हम .... कभी भी नहीं !
वाह ..बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावाव्यक्ति|धन्यवाद्|
जवाब देंहटाएंसुंदर और मार्मिक ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावाव्यक्ति..बधाई..
जवाब देंहटाएंवाह सदा जी..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना...
शुक्रिया.
बेहतरीन अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतिकरण।
यह सम्मान बना रहे, बढ़ता रहे।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...वाह!
जवाब देंहटाएंbinaa nazrein milaaye
जवाब देंहटाएंham bhee aapko aur aapkee kavitaa ko
samman de rahe hein
ek sundar rachnaa bataa rahe hein
बेहतरीन रचना !
जवाब देंहटाएंनववर्ष मंगलमय हो !
बेहतरीन भाव
जवाब देंहटाएंbehatareen hai sarkar...bahut sundar...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति, अच्छी रचना,
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
सौदागर कोई भी हो
जवाब देंहटाएंक्या फर्क पड़ता है
सौदा तो मुहब्बत का ही होना था ...
badhai Sada ji bahut hi achhi abhivykti ......dil se abhar.
बहुत खूब ... जज्बातों से खलने की कला है आपके पास ...
जवाब देंहटाएं