मैं भविष्य से वर्तमान बन,
तुम्हारी दहलीज़ पे
आ गया हूं
मेरी कांधे पे एक झोली है
विश्वास की
उसमें 365 दिन हैं
उसका पहला दिन
जब निकलेगा
तब मेरा नाम लेकर
सूर्य की किरणें
तुम्हारा अभिनन्दन करेंगी
तारीखें बदलेंगी
दिन नये आते जाएंगे
सपने तुम्हारी आंखों में
झिलमिलाएंगे हर आह्वान तुम्हारा
पूर्ण होगा तुम्हें बस
संकल्पों के मंत्रों को उच्चारित करना होगा
अडिग रहना होगा तुम्हें
क्योंकि मेरा समय
सुनिश्चित है आने और जाने का
मैं ठहरता तो कभी भी नहीं
भागता रहता हूं
घड़ी की टिक-टिक के साथ
तुम्हें भी अपने कदमों की रफ्तार को
कुछ गति देनी होगी
तो आओ स्वागत गीत जो
तुम्हारे होठ़ों पर है
उसे गुनगुनाओ कुछ इस तरह
कि चारों दिशाएं
तरंगित हो उठे ...
जिससे मन हर्षित हो जन-जन का
लेकिन उससे पहले
परिक्रमा का अंतिम फेरा करें पूरा
और मुस्कराती आंखों से कहें अलविदा 2011 को
चलो मिल कर करें अभिनन्दन .... 2012 का