कहती है जब हिन्दी
अपनी व्यथा
इन शब्दों में
मैं मातृ भाषा
गौरव से ऊंचा
मेरा मस्तक किया
राष्ट्र भाषा का
दर्जा दिया ...
14 सितम्बर को
मेरा सम्मान करना
मुझको वर्ष में
पूरा एक दिन
समर्पित करना
मेरे नाम पर
पूरे पखवाड़े
हिन्दी दिवस के नाम पर
सरकारी कार्यालयों में
साहित्यिक कार्यक्रम करना
शोभा बन जाती मैं
बड़े-बड़े बैनरों की ...
यह दिवस विशेष होता
जैसे कोई उत्सव हो विदाई का ...!
कोई
कविताओं में मुझे
जीवित रखता
आलेखों में जिक्र करता
मेरे जीवन क्रम का
मैं मौन
पृष्ठों पर अंकित वर्णों में
खोजती अपना अस्तित्व
फिर फाइलों में
कैद होकर
सहेजकर रख दी जाती
अलमारियों में
एक वर्ष की लम्बी
प्रतीक्षा के लिए ...!!
बीते जाएंगे पल ये
फिर हिन्दी दिवस आएगा
वर्ष बदला जाएगा
और मां सरस्वती को
माल्यार्पण कर
हिन्दी पखवाड़े का
आयोजन किया जाएगा ..... !!!
निज भाषा उन्नति अहे.....
जवाब देंहटाएंबहुत सही।
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
sateek ....
जवाब देंहटाएंsarthak prayatn chalta rahe..
हिंदी दिवस पर
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा
हिंद की शान है हिन्दी, मेरा अभिमान है हिन्दी
जवाब देंहटाएंदेश हो, विदेश हो, हमारा स्वाभिमान है हिन्दी !
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंहिंदी है सदा के लिए ...हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस का अर्थ है - पूरे पखवाड़े पूरी खिलवा रे.
जवाब देंहटाएंआशावादिता रहनी चाहिए. राजभाषा के रूप में अभी पिछड़ी हुई ज़रूर है लेकिन हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा सदियों से है.
हिंदी की लंबी प्रतीक्षा को खत्म करना होगा ... रोज ही हिंदी दिवस मनाना होगा ...
जवाब देंहटाएंहिन्दी है आन हमारी,शान हमारी
जवाब देंहटाएंहिन्दी है हमको जान से प्यारी....
हिन्द देश के सभी निवासियो को हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई...शुभकामनाएँ....बहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
सुन्दर प्रस्तुति...आभार
जवाब देंहटाएंहिन्दी हमारी भाषा, है हमारा जीवन-प्राण|
जवाब देंहटाएंइतना सीचें हम इसे, होने न दें निष्प्राण||
हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई...शुभकामनाएँ
सार्थक पोस्ट....
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त..........कड़वे सच को व्यंग्य में उजागर किया है ..........बहुत खूब|
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई........
जवाब देंहटाएंहिंदी की जय बोल |
जवाब देंहटाएंमन की गांठे खोल ||
विश्व-हाट में शीघ्र-
बाजे बम-बम ढोल |
सरस-सरलतम-मधुरिम
जैसे चाहे तोल |
जो भी सीखे हिंदी-
घूमे वो भू-गोल |
उन्नति गर चाहे बन्दा-
ले जाये बिन मोल ||
हिंदी की जय बोल |
हिंदी की जय बोल
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
जवाब देंहटाएंबिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल।।
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हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
सार्थक प्रस्तुति .....हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें !
सदा की ये सदा
जवाब देंहटाएंन जाये ये व्यथा ......
सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत बढ़िया.... सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंसब लकीर के फ़कीर ... बढ़िया है.हार्दिक शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंये किस बात का रोना है। जबकि हम रोज हिन्दी में गाते हैं, बतियाते हैं, पढ़ते हैं,लिखते हैं,झगड़ते हैं।
जवाब देंहटाएंsada ji
जवाब देंहटाएंmaff kariyega main roman mmme aapko tippni likh rahi hun karn ye hai ki mera hindi writer achanak hi pata nahi kyon kaam nhi kar raha hai.
bahut hi sachchi aur hari baat lihki hai aapne
ati sundar
poonam
संरचनात्मक कार्यक्रम की ओर भी ध्यान दिलाया जाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंअब हिंदी बेबस नहीं सर चडके बोल रही है , झंकार सुने और हर्षित हो
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