इस नश्वर तन पर
मत इतना अभिमान ही करो तुम,
कर सको इस तन का तो कुछ अंश दान ही करो तुम ।
जिन्दगी से लड़ रहा हो जब कभी कोई, उसके लिये,
चाहो कुछ करना तो अपना रक्त दान ही करो तुम ।
कौन किसके कितने करीब रहता है वक्त जब पड़े,
अगर हो सके तो
उनसे एक पहचान ही करो तुम ।
ज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
हो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
मरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
बन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम ।
ज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
जवाब देंहटाएंहो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
मन को छूती हुई ...बहुत सुंदर सीख देती हुई रचना ...
आभार.
सार्थक!!
जवाब देंहटाएंज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
हो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
बहुत खूब ..प्रेरक लेखनी
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती सुन्दर अभिव्यक्ति ... प्रेरक रचना
जवाब देंहटाएंसार्थक!!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
मरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
जवाब देंहटाएंबन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम ।
सुन्दर सन्देश देती पंक्ति ....
धन्यवाद्
Kya baat hai! Behad achhee rachana!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ||
मरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
जवाब देंहटाएंबन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम ।
sampurna rachna ek sarthak sandesh seti hai .....abhar
आज 29 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
ज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
जवाब देंहटाएंहो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
इससे बड़ा दान और सेवा क्या है. खूब कहा है.
कौन किसके कितने करीब रहता है वक्त जब पड़े,
जवाब देंहटाएंतुम उनसे हो सके तो एक पहचान ही करो तुम ।
waah... kitni badee baat hai ye
इस नश्वर तन पर इतना अभिमान मत करो तुम,
जवाब देंहटाएंकर सको इस तन का कुछ अंश दान ही करो तुम ।
श्रेष्ठ आग्रह...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना....
सार्थक सन्देश देती हुई प्रेरक रचना .....आभार
जवाब देंहटाएंबड़ा ही प्यारा संदेश।
जवाब देंहटाएंसार्थक संदेस... सुन्दर प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंमानवीय संबंधों को नए अर्थ देती ये पोस्ट बहुत लगी,........शानदार|
जवाब देंहटाएंइस नश्वर तन पर इतना अभिमान मत करो तुम,
जवाब देंहटाएंकर सको इस तन का कुछ अंश दान ही करो तुम । ....मानवी संवेदनाओ के प्रति जागरूक करती सार्थक अभिव्यक्ति.... बहुत सुन्दर...
मरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
जवाब देंहटाएंबन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम ।
सार्थक संदेश देती यह पंक्तियां ...
saarthak sandesh
जवाब देंहटाएंज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
जवाब देंहटाएंहो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
यह हैं काम की बात बहुत खूब ......
सार्थक संदेश देती प्रेरक अभिव्यक्ति के लिये बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंमरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
जवाब देंहटाएंबन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम ।
इस रचना का तो जवाब नहीं....बहुत ही खूबसूरत
मरने के बाद भी जीवित रहना चाहते हो किसी के साथ,
जवाब देंहटाएंबन प्रकाश लेकर शपथ इन नेत्रों का दान भी करो तुम
वाह क्या बात है बहुत खूब कितनी गहरी बात आपने बताई अपनी रचना मैं /लाजबाब रचना है /बहुत बहुत बधाई आपको /
please visit my blog .thanks.
www.prernaargal.blogspot.com
बहुत खूब........
जवाब देंहटाएंbahut achchhi rachna ..kuchh to daan karo tum !
जवाब देंहटाएंsartak sandesh deti prastuti.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सीख देती हुई रचना
जवाब देंहटाएंएक साथ कई भावों को संजोये बहुत ही सुंदर रचना...........लेखनी की उत्कृष्टता को बयान करती बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंBahut Hi Sunder Seekh
जवाब देंहटाएंसार्थक लेखन ,प्रभावी व प्रेरक.आभार..
जवाब देंहटाएंज्ञान के बदले धन का अर्जन जरूरी तो नहीं होता,
जवाब देंहटाएंहो सके तो कभी शिक्षा का यूं ही दान भी करो तुम ।
bahut sundar baat...
.
sada ji
जवाब देंहटाएंbahut bahut hi sundar v prerit karne wali aapki yah post bahut hi behtreen lagi .
jo bhi likha hai aapne kash! vaisa hi ho to ----
behtreen prastuti ke liye
hardik badhai
poonam
कौन किसके कितने करीब रहता है वक्त जब पड़े,
जवाब देंहटाएंअगर हो सके तो उनसे एक पहचान ही करो तुम ।
....बहुत प्रेरक प्रस्तुति..बहुत सुन्दर
बहुत खुबसूरत, संदेशात्मक, प्रेरक रचना...
जवाब देंहटाएंसुकून देती हुई...
सादर बधाई....
An excellent message. Behad Sunder.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब!!!
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश .............
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसच है दान की शक्ति को पहचानना जरूरी है ...
जवाब देंहटाएंसार्थक लेखनी .....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआभार लिंक देने के लिए...सचमुच बहुत ही प्रेरक !!
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