मैं चल दिया करता जब भी अमन की राह पे,
हर कदम पे अपने दुश्मन तैयार करता था ।
पूछा करता था उनसे ही फिर भी मैं हंसकर,
यारो बताओ तुम्हारा क्या लिया करता था ।
फासले दिलों के मिटा कर नजदीकियां लाया,
बस इक यही गुनाह मैं सरेआम करता था ।
मेरी कलम के शब्द हथियार मेरे हैं जिनसे मैं,
खामोश रह कर भी वार कर लिया करता था ।
सत्य की लड़ाई लड़ता हूं तो क्या गुनाह भला,
अपने सर बांध के कफ़न ही निकला करता था ।
बहुत बढ़िया लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंसादर
sabdo ka tanabana ...bahut khubsurat buna aapne...:)
जवाब देंहटाएंpyari rachna...
सच की राह बहुत कठिन है ...बहुत उम्दा लेखनी
जवाब देंहटाएंshabd hathiyaar ho to unse jeetna mumkin nahin
जवाब देंहटाएंसत्य की लड़ाई लड़ता हूं तो क्या गुनाह भला,
जवाब देंहटाएंअपने सर बांध के कफ़न ही निकला करता था
satya kee rah pe to kafan bandh kar hi nikalna padta hai.bahut sarthak abhivyakti.
सुन्दर रचना ! सत्य का डगर कठिन होता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत कठिन है ड्गर पनघट की ……………सत्य की राह यूँ ही पार नही होती।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति ..सत्य की लड़ाई लडनी ही कठिन होती है
जवाब देंहटाएंलाजवाब......
जवाब देंहटाएंबहुत कमाल के शेर हैं सब ... सच है अमन की राह आसान नही होती ...
जवाब देंहटाएंshabd hain hathiyaar ...sach ki ladai ...bahut achchhe vichar hain aapki is rachna me.. bahut sundar
जवाब देंहटाएंहर शेर लाजवाब है ..
जवाब देंहटाएंसच की लड़ाई शब्द के शस्त्र से. सुदंर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंजब सत्य का वरण कर लिया तब असत्य से क्या घबराना।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर ....प्रभावित करती पंक्तियाँ रची हैं...
जवाब देंहटाएंभावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
जवाब देंहटाएंमेरी कलम के शब्द हथियार मेरे हैं, जिनसे मैं
जवाब देंहटाएंखामोश रहकर भी वार कर लिया करता था.
....वाह!... क्या बात है.... बहुत खूब!
---देवेंद्र गौतम
भावों की अभिव्यक्ति!! सुंदर
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव पूर्ण रचना |बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंकमाल का लिखा है..सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसत्य कि राह आसान नहीं. सुंदर अभिव्यक्ति. भावपूर्ण रचना. कमाल लेखन.
जवाब देंहटाएंसच रह कठिन है मगर सचाई और शांति देती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
आभार
कोरल
सत्य की राह पर विरले ही चलते हैं। और जो निकल पड़ते हैं वे पीछे मुड़कर नहीं देखते।
जवाब देंहटाएंbahut sundar saty ka marg kayhhin jarur hai magr himmat sath ho to aasan hai
जवाब देंहटाएंsada ji
जवाब देंहटाएंbahut hi beintaha v lajwab rachna likhi hai aapne jo yatharth ke bahut hi nikat mahsus hoti hai .
bilkul saty ----kalam ek aisa jabardast hathiyar hai jiske samne talwar ki dhar bhi kam pad jaati hai .
bahut hi sundar prastuti ----
hardik badhai
poonam
सुन्दर अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंaapne sach me bahut achha likha hai.
जवाब देंहटाएंbahut acchi ghazal
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