धड़कनों से पूछा तेरा नाम लेकर मैने,
किसके लिये यूं इतना धड़कना तेरा है ।
तेरे चलने से मेरी सांसे चलती है बस,
मैं तो समझती थी इतना काम तेरा है ।
पलकें झुक गई शर्मोसार होकर जब,
मैने जाना इसमें समाया अक्स तेरा है ।
लब खामोश थे कुछ कहते कंपकंपा के,
समझ गई मैं इनमें भी नाम तेरा है ।
चाहत में तेरी मैं खुद से अंजान हुई यूं,
देखा हथेली पे कब से लिखा नाम तेरा है ।
पलकें झुक गई शर्मोसार होकर जब,
जवाब देंहटाएंमैने जाना इसमें समाया अक्स तेरा है ।
wah! bahut hi khoobsoorat panktiyan.....
khoobsoorat ehsaas ke saath ek behtareen kavita.......
बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंकिसके लिये यूं इतना धड़कना तेरा है ।
जवाब देंहटाएंतेरे चलने से मेरी सांसे चलती है बस,
मैं तो समझती थी इतना काम तेरा है ।
बहुत सुन्दर!!
pankaj
ek behad sundar rachana
जवाब देंहटाएंचाहत में तेरी मैं खुद से अंजान हुई यूं,
जवाब देंहटाएंदेखा हथेली पे कब से लिखा नाम तेरा है .....
किसी की चाहत का रंग ऐसा ही चड़ता है ..... खुद की खबर ही नहीं रहती ......... सुन्दर रचना है .......
बहुत सुन्दर लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंचाहत में तेरी मैं खुद से अंजान हुई यूं,
देखा हथेली पे कब से लिखा नाम तेरा है .....
prem me pagi huyi rachna, achchhi lagi
जवाब देंहटाएंचाहत में तेरी मैं खुद से अंजान हुई यूं,
जवाब देंहटाएंचाहत मे तो खुद से अंजान हो जाने की यह प्रथम सोपान ही तो है जब चाहत का संज्ञान हो जाता है.
बहुत खुबसूरत रचना
लब खामोश थे कुछ कहते कंपकंपा के,
जवाब देंहटाएंसमझ गई मैं इनमें भी नाम तेरा है ।
नज़्म के अशआर खूबसूरत है।
मुबारकवाद!
बढ़िया रचना...आभार..
जवाब देंहटाएंचाहत में तेरी मैं खुद से अंजान हुई यूं,
जवाब देंहटाएंदेखा हथेली पे कब से लिखा नाम तेरा है ।
वाह......!!
बहुत सुंदर......!!
प्रेम के विषय के अलावा अन्य विषयो पर भी आपकी लेखनी अच्छी चलती है ।............................ यह हमे पता है
जवाब देंहटाएंधड़कनों से पूछा तेरा नाम लेकर मैने,
जवाब देंहटाएंकिसके लिये यूं इतना धड़कना तेरा है ।
तेरे चलने से मेरी सांसे चलती है बस,
मैं तो समझती थी इतना काम तेरा है ।
sunder ahsas hai