tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post5421950211133036670..comments2024-03-12T13:05:07.318+05:30Comments on SADA: अडिगता से सफलता की ओर !!!!सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-14840711811002729072013-04-08T21:53:06.812+05:302013-04-08T21:53:06.812+05:30एक ही विषय पर इस मन के
अलग-अलग से ख्यालों की दुनि...एक ही विषय पर इस मन के<br />अलग-अलग से ख्यालों की दुनिया<br />हर बार घूमना, ठिठकना पल भर<br />कभी इस दिशा से उस दिशा तक जाना<br />समेटने को सार------<br />जीवन का सच<br />गहन अनुभूति<br />उत्कृष्ट रचना Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-77945807652182715112013-04-03T23:23:36.983+05:302013-04-03T23:23:36.983+05:30अडिगता का सार
मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे
सफ...अडिगता का सार <br />मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे <br />सफलता को नये सिरे से पकड़ना <br />सकारात्मकता की पहली सीढ़ी है <br /><br />सटीक और सार्थक बात कही है ... सुंदर अभिव्यक्ति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-16972082475694603462013-04-02T10:26:40.917+05:302013-04-02T10:26:40.917+05:30जो इस सूत्र को समझ जाए वो सफल हो जाए..जो इस सूत्र को समझ जाए वो सफल हो जाए..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-91843594697259157112013-04-01T17:04:37.757+05:302013-04-01T17:04:37.757+05:30बहुत खूब..इस मन की चंचलता को वश में करना ही सफलता ...बहुत खूब..इस मन की चंचलता को वश में करना ही सफलता और प्रसन्नता की शुरुआत है।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-55768811681883708402013-04-01T15:32:18.239+05:302013-04-01T15:32:18.239+05:30मानिसक धुंध और कुहांसे को ,सघन अनुभूतियों को शब्द ...मानिसक धुंध और कुहांसे को ,सघन अनुभूतियों को शब्द दिए हैं आपने ,एक दृढता दी है संकल्पों को ,खूबसूरत रचना .आभार आपकी टिपण्णी का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-63839827531037194142013-04-01T09:46:30.409+05:302013-04-01T09:46:30.409+05:30मन की चंचलता से परे अडिगता ही सकारात्मक दृष्टिकोण ...मन की चंचलता से परे अडिगता ही सकारात्मक दृष्टिकोण है !<br />सार्थक प्रेरक सन्देश! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-62246677327372422762013-04-01T00:38:44.505+05:302013-04-01T00:38:44.505+05:30बहुत सुंदरबहुत सुंदरसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-75974414422670831542013-03-31T20:59:06.373+05:302013-03-31T20:59:06.373+05:30बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!!
पधारें कैसे खेल...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!!<br />पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-14042718859777339462013-03-31T19:44:14.468+05:302013-03-31T19:44:14.468+05:30अडिगता का सार
मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे
सफ...अडिगता का सार <br />मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे <br />सफलता को नये सिरे से पकड़ना <br />सकारात्मकता की पहली सीढ़ी है <br /><br />प्रेरणादायक सार्थक सन्देश देती कविता.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-59357136932244622232013-03-31T19:35:20.256+05:302013-03-31T19:35:20.256+05:30सुंदर रचना
कभी कभी ऐसी रचना पढ़ने को मिलती हैसुंदर रचना<br />कभी कभी ऐसी रचना पढ़ने को मिलती हैमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-73021384697613230592013-03-31T18:37:51.573+05:302013-03-31T18:37:51.573+05:30अडिगता का सार
मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे
सफ...अडिगता का सार <br />मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे <br />सफलता को नये सिरे से पकड़ना <br />सकारात्मकता की पहली सीढ़ी है <br /><br />...बिल्कुल सच..बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-35020636925252382522013-03-31T15:05:42.415+05:302013-03-31T15:05:42.415+05:30इस बार तो सहमत होना ही पड़ेगा। एकदम सच्ची बात लिखी...इस बार तो सहमत होना ही पड़ेगा। एकदम सच्ची बात लिखी है आपने। <br /><br />...सुंदर रचना।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-33407539367566541942013-03-31T09:21:13.799+05:302013-03-31T09:21:13.799+05:30सुन्दर रचना.सुन्दर रचना.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-31231167635798373332013-03-31T07:24:02.244+05:302013-03-31T07:24:02.244+05:30मन को पकड़ना इसकी चंचल गति से परे ही अडिगता ...
सा...मन को पकड़ना इसकी चंचल गति से परे ही अडिगता ...<br />सार्थक रचना !<br /> वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-39972924752259307522013-03-31T00:45:43.074+05:302013-03-31T00:45:43.074+05:30बहुत उम्दा प्रस्तुति ......
recent post....काव्या...<b>बहुत उम्दा प्रस्तुति ......</b><br /><br /><b>recent post</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/03/blog-post_29.html#comment-form" rel="nofollow">....काव्यान्जलि: होली की हुडदंग ( भाग -२ )</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-52261833343071117962013-03-30T23:50:02.913+05:302013-03-30T23:50:02.913+05:30वाह क्या बात कही आपने | बेहद सुन्दर और सार्थक रचना...वाह क्या बात कही आपने | बेहद सुन्दर और सार्थक रचना | आभार <br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a>Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-45627169406779527822013-03-30T23:45:16.477+05:302013-03-30T23:45:16.477+05:30सच अपने मन को टटोलने प्रयास तो करना ही होगा........सच अपने मन को टटोलने प्रयास तो करना ही होगा..... उम्दा रचना डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-27473246158576104212013-03-30T21:46:04.825+05:302013-03-30T21:46:04.825+05:30कभी नहीं चाहते हो जो लिखना वह भी
लिख डालती है कलम ...कभी नहीं चाहते हो जो लिखना वह भी<br />लिख डालती है कलम एक ही झटके में<br />वर्जनाओं के घेरे में करती परिक्रमा<br />शब्दों की तोड़ती है अहम् की सरहदों के पार <br /><br />बहुत ही सुन्दर और सटीक रचना...<br /><br />सस्नेह<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-72616540011090218512013-03-30T21:21:15.887+05:302013-03-30T21:21:15.887+05:30मन को समझना मन के सहारे, कौन बताता है भला, अपने बा...मन को समझना मन के सहारे, कौन बताता है भला, अपने बारे में।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-29545892664850996612013-03-30T20:13:00.098+05:302013-03-30T20:13:00.098+05:30 सफलता को नये सिरे से पकड़ना
सकारात्मकता की पहली ... सफलता को नये सिरे से पकड़ना<br />सकारात्मकता की पहली सीढ़ी है<br />जो हमेशा ही जीवन में<br />एक नया दृष्टिकोण देता है<br />और विचारों को ओजस्विता मिलती है<br />अडिगता से सफलता की ओर !!<br /> जिनसे जीवन सफल होता है,ऐसे गहन अर्थों को व्यक्त<br />करती रचना<br />सुंदर <br />बधाई Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-15152041976784769852013-03-30T19:46:22.769+05:302013-03-30T19:46:22.769+05:30अडिगता का सार
मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे
सफ...अडिगता का सार <br />मन को पकड़ना इसकी चंचलता के परे <br />सफलता को नये सिरे से पकड़ना <br />सकारात्मकता की पहली सीढ़ी है <br /><br />गहन और सार्थक रचना ....सदा जी ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-64842941857321993072013-03-30T19:31:54.557+05:302013-03-30T19:31:54.557+05:30बहुत सुन्दर सटीक रचना।..बहुत सुन्दर सटीक रचना।..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-28963787082641987462013-03-30T17:59:17.866+05:302013-03-30T17:59:17.866+05:30जिनकी माफ़ी नहीं होती थी कोई
उसके लिए भी वह अडिगता...जिनकी माफ़ी नहीं होती थी कोई<br />उसके लिए भी वह अडिगता की धूनी रमा<br />एक अलख जगा लेता था हर बार <br />बहुत सुन्दर अहसास लिए रचना...!!!!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-92008477847154652442013-03-30T17:38:41.862+05:302013-03-30T17:38:41.862+05:30चंचल मन को थामने की जरुरत है ...
बेहद सटीक लिखा आ...चंचल मन को थामने की जरुरत है ...<br />बेहद सटीक लिखा आपने .. राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-57755437594308081722013-03-30T17:17:07.541+05:302013-03-30T17:17:07.541+05:30आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) ...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच 1200</a> पर भी होगी. सूचनार्थ अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.com