शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

वक़्त की मुस्कान ...

 वक़्त तो बड़ा ही व्यस्त है

ज़िन्दगी भी अब
इसकी अभ्यस्त है
नित-नई चुनौतियों की
ओढ़कर दुशाला
चलते-चलते
सोचता कोई है ..
जो मन की देहरी को
पार करने से पहले
दस्तक़ देकर,
पूछ ले हाल
मनमर्जियों की लग़ाम
पकड़ ले कसकर !

तुम्हें पता है न
विदा के वक़्त की मुस्कान
मन के हर भार को
हल्का कर देती है
और विश्वास को दुगुना
.. कि जो भी होगा
वो अच्छा ही होगा !!

नववर्ष की अनंत मंगलकामनाएं 🎉🎉
...
© सीमा 'सदा'