शुक्रवार, 10 मई 2019

माँ, तुलसी और गुलमोहर ...

माँ कहती थी
आँगन के एक कोने में तुलसी
और दूसरे में गुलमोहर हो
तो मन से बसंत कभी नहीं जाता
तपती धूप में भी
खिलखिलाता गुलमोहर जैसे
कह उठता हो
कुछ पल गुजारो तो सही
मेरे सानिध्य में
मन का कोना-कोना
मेरी सुर्ख पत्तियों के जैसा
खुशनुमा हो जाएगा!

नहीं है इस बड़े महानगर में
गुलमोहर का पेड़
मेरे आस-पास
पर कुछ यादें आज भी हैं
इसके इर्द-गिर्द
बचपन की, माँ की,
और इसकी झरतीं सुर्ख पत्तियों की
मेरी यादों में गुलमोहर
हमेशा मेरे साथ ही रहेगा
मेरे पीहर की तरह
अपनेपन की छाँव लिये !!
..

15 टिप्‍पणियां:

  1. मन को मोहती बहुत ही सुन्दर रचना प्रिय दी
    सादर

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  2. वाह आत्म मुग्ध करती कोमल अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  3. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11 -05-2019) को "
    हर दिन माँ के नाम " (चर्चा अंक- 3332)
    पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    ....
    अनीता सैनी

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  4. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    12/05/2019 को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में......
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  5. बहुत सुन्दर मां के प्रेम पर सुंदर प्रस्तुति...

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  6. मन की यादों में गुलमोहर पीहर की तरह....
    बहुत ही सुन्दर... मनभावनी रचना....।

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  7. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    १३ मई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  8. अपनेपन की छाँव लिए गुलमोहर के और तुलसी के लिए भाव पूर्ण रचना प्रिय सदा जी। तुलसी और पेड़ों से स्नेह एक संस्कार है जो हर माँ अपनी बेटी को देतीं हैं। हार्दिक शुभकामनाएं।

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  9. माँ को कहती है करती है ... तभी तो यादों में उसकी बातें सच बन कर सामने आती हैं ...
    बहुत भावपूर्ण यादें माँ की ...

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  10. माँ, तुलसी और गुलमोहर ...
    वाह कविता का शीर्षक ही बहुत सूंदर है बहुत सुंदर
    आपको पढना वाकई सुखद अनुभव है...सदा दी

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