जिद् की मुट्ठी में हर बार वो
उम्मीदों के जुगनु लिये
अंधेरे को चीरता चला जाता
कभी जब दिल घबराया तो
प्रयास की लाठी टेकी,
लड़खड़ाते कदमों से उसने,
जिम्मेदार हो हथेलियाँ तभी
प्रदर्शित करती शक्ति को
इस शक्ति की आस्था से
थम जाती कदमों की लड़खडाहट
निर्भय हो कदम से कदम
साथ हो लेते जिंदगी के !!!
....
जिंदगी को जीने के लिये
जज्बा खुद रास्ते तैयार करता,
दिशायें मौन ही निमंत्रण देतीं
तभी तो पगड़डियों से
कच्चे रास्ते, कच्चे रास्तों से
जुड़ती सड़कें जिनसे बाते करती हवा
फिर भी परवाह कहाँ होती
किसी के साथ होने या न होने की
एक हौसला साथ जो चल रहा था
परवाह तो बस तपती धूप में
बर्फ बन पिघल रही होती !!!!
वाह बेहद सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएंफिर भी परवाह कहाँ होती
जवाब देंहटाएंकिसी के साथ होने या न होने की
एक हौसला साथ जो चल रहा था
चरैवेति...जीवन के पथ पर आगे ही आगे बढ़नेवाला इसी सूत्र को अपनाता है..प्रेरणादायी रचना..सुंदर भाव !
बहुत बढ़िया है आदरेया-
जवाब देंहटाएंसादर समर्पित-
धूप-हौसले से सदा, पिघले हिम-परवाह |
जल-प्रवाह से मनुज यह, पाए जीवन थाह-
हौसले और उम्मीदों से भरे सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा सुंदर प्रस्तुति,,,सदा जी,,,,
जवाब देंहटाएंबीबी बैठी मायके , होरी नही सुहाय
साजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय..
.
उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,
जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,
इस शक्ति की आस्था से
जवाब देंहटाएंथम जाती कदमों की लड़खडाहट
निर्भय हो कदम से कदम
साथ हो लेते जिंदगी के !!!
बहुत दृढ विचार ...सुन्दर जज़्बा .....
बढ़ाते कदम जिंदगी के ...
प्रभावशाली रचना ...सदा जी ...!!!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबढिया
हौसले को सलाम करती सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
sarthak sandesh deti hui rachna ke lie aabhar !
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संजोए है ..बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंगहन और गंभीर भाव लिए रचना का जवाव नहें सदा जी |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर पोस्ट!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
काजी नजरुल इस्लाम के शब्दों में .....
जवाब देंहटाएंचल चल चल
उर्ध्व गगने बाजे मादल
निम्ने उतला धरनीतल
अरुणप्रातेर तरुनदल
चल रे चल रे चल ......
हौसले के बग़ैर ज़िंदगी जीना मुश्किल होता है....
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायक रचना...!
~सादर!!!
जिंदगी को जीने के लिये
जवाब देंहटाएंजज्बा खुद रास्ते तैयार करता,
दिशायें मौन ही निमंत्रण देतीं
सच में जज्बा का होना जरुरी है...
सादर !
आस बँधी है, ज़िद की मुठ्ठी खुलेगी अवश्य
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंहौसला -उमंग-उत्साह -साह्स, यही तो चाहिए उडान के लिए
latest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
खूब .... ये सोच कुछ बेहतर अवश्य करेगी....
जवाब देंहटाएंसुचना ****सूचना **** सुचना
जवाब देंहटाएंसभी लेखक-लेखिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुचना सदबुद्धी यज्ञ
(माफ़ी चाहता हूँ समय की किल्लत की वजह से आपकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं दे सकता।)
सुचना ****सूचना **** सुचना
जवाब देंहटाएंसभी लेखक-लेखिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुचना सदबुद्धी यज्ञ
(माफ़ी चाहता हूँ समय की किल्लत की वजह से आपकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं दे सकता।)
हौसला साथ हो प्रयास की लाठियां टिक जाती हैं , सहरा पार हो जाता है !
जवाब देंहटाएंप्रेरक !
sundar bhaw ...
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव ....
जवाब देंहटाएंगुज़ारिश : !!..शायद ,मैं फेल हो गई.. !!
sundar bhav..
जवाब देंहटाएंउम्मीदों के जुगनू ,बेहतरीन और अभिनव रूपक
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंजिंदगी को जीने के लिये
जवाब देंहटाएंजज्बा खुद रास्ते तैयार करता,
दिशायें मौन ही निमंत्रण देतीं
तभी तो पगड़डियों से
कच्चे रास्ते, कच्चे रास्तों से
जुड़ती सड़कें जिनसे बाते करती हवा
फिर भी परवाह कहाँ होती
किसी के साथ होने या न होने की
एक हौसला साथ जो चल रहा था
परवाह तो बस तपती धूप में
बर्फ बन पिघल रही होती !!!!
हौसला बढाती लाइन बहुत ही खुबसूरत नहीं यथार्थ परक
बहुत सुंदर!बधाई उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए!
जवाब देंहटाएंचलना ही जिंदगी है........बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंलाजवाब अभिव्यक्ति है ..
जवाब देंहटाएंहौसला बना रहे ...
जवाब देंहटाएंमंगल कामनाएं आपके लिए !
जिंदगी को जीने के लिये
जवाब देंहटाएंजज्बा खुद रास्ते तैयार करता,
दिशायें मौन ही निमंत्रण देतीं
...वाह! बहुत प्रेरक और सुन्दर रचना...
सुन्दर कथ्य समाया है !
जवाब देंहटाएंउम्मीदों के जुगनू एक नयी उमंग एक नयी किरण लेकर आयें आशा की.
जवाब देंहटाएंसुंदर कबिता.
जज्बा खुद रास्ते तैयार करता,
जवाब देंहटाएंदिशायें मौन ही निमंत्रण देतीं
.... बहुत प्रेरक बेहतरीन !!!!
बेहतरीन .......
जवाब देंहटाएंउम्मीद और हौसला ही आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है ...
जवाब देंहटाएंZindagi ki raah me khud se bada koi humsafar nhi hota...
जवाब देंहटाएंPrernadaayi rachna.