मेरे सवालों के दायरे में
जब वो होती है तो
उसका मन भी मेरी बातों में
उलझने लगता है
वह मुझे बहलाकर झट से
बाहर हो जाती है
मुझे पता है उसका दिल भी
मेरी तरह मासूम है
मां है वह तो क्या हुआ
कल वो बहू थी किसी के घर की
उससे पहले बेटी थी किसी के आंगन की
जहां जन्म लिया था उसने
पर सदा ही पराये घर जाने की बातें
सुन-सुनकर बड़ी हुई
दिल तो ताउम्र
एक बच्चा रहता है
एक यही है
जो हमेशा सच्चा रहता है
हां बढ़ती उम्र के साथ
उसे डालना पड़ता है
चेहरे पर गंभीरता का आवरण
लोग क्या कहेंगे
इसी सोच के साथ मन के
हर बेतक्कलुफ होते ख्याल को
झटकना होता है परे
हंसने मुस्कराने से पहले
दिल ही दिल उसकी सहमति से
आम होना पड़ता है
खास बनने के लिए
सोचती हूं कई बार
हम क्यूं लोगों के लिए
कभी-कभी न चाहते हुए भी
अपने मन की नहीं कर पाते
बस इसी सोच में उलझ जाते हैं
कि लोग क्या कहेंगे ...
कभी बच्चों के बड़े होने की दुहाई तो
कभी परिवार वालों की सोच ने
मन की मन में ही रहने दी
सोचती हूं आज
मेरी ये बातें किसी को
गलत तो लगेंगी
पर शायद उन्हें सही लगें
जिनके मन की मन में रह गई
बस उन्हीं के लिए हैं
ये मन की बातें ...!!!
सोचती हूं आज
जवाब देंहटाएंमेरी ये बातें किसी को
गलत तो लगेंगी
पर शायद उन्हें सही लगें
जिनके मन की मन में रह गई
बस उन्हीं के लिए हैं
ये मन की बातें ...!!!
Ekdam sahee kaha!
सोचती हूं कई बार
जवाब देंहटाएंहम क्यूं लोगों के लिए
कभी-कभी न चाहते हुए भी
अपने मन की नहीं कर पाते
कविता का भाव बहुत सशक्त है
सुंदर एहसास के साथ एक प्यारी सी कविता..आपकी कविता प्रशंसनीय है
पर शायद उन्हें सही लगें
जवाब देंहटाएंजिनके मन की मन में रह गई
...हर एक लफ्ज सन्देश से भरा है प्रेरणादायक प्रस्तुति के लिए आभार
सोचती हूं कई बार
जवाब देंहटाएंहम क्यूं लोगों के लिए
कभी-कभी न चाहते हुए भी
अपने मन की नहीं कर पाते
बस इसी सोच में उलझ जाते हैं
कि लोग क्या कहेंगे ...
यह पंक्तियाँ विशेष अच्छी लगीं।
सादर
सदाजी आपने हर स्त्री के मन की बात कह दी, हर स्त्री के अहसास को वाणी दे दी वो भी बहुत ही खूबसूरती से!
जवाब देंहटाएंबहुत ्ही भावपूर्ण और सुंदर रचना। बधाई!
सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंभइयादूज की शुभकामनाएँ!
गंभीर कविता... दिवाली, भइयादूज की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंलोग क्या कहेंगे ..इसमें ही मन की नहीं कर पाते .. सच्चाई को कहती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंमन की बातें मन ही जाने।
जवाब देंहटाएंप्रामाणिक अनुभूतियों से भरी रचना. 'लोग क्या कहेंगे' का कुचलने वाला अहसास. बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंmann ki baaten mann me hi rah jati hain , jo samajh le , uski baat hi juda hai
जवाब देंहटाएंसोचती हूं कई बार
जवाब देंहटाएंहम क्यूं लोगों के लिए
कभी-कभी न चाहते हुए भी
अपने मन की नहीं कर पाते
बस इसी सोच में उलझ जाते हैं
कि लोग क्या कहेंगे .. इन लफ़्ज़ो ने क्या से क्या कर दी ज़िन्दगी……………सच बयाँ कर दिया।
सुंदर एहसासों के साथ लिखी सरल सच्ची प्यारी- प्यारी सी कविता...
जवाब देंहटाएंWah!!! ये मन की बातें ...!!!
जवाब देंहटाएंwww.poeticprakash.com
बातों को समय को प्रवाह मिले।
जवाब देंहटाएंमन की बातें मन तक पहुंची!
जवाब देंहटाएंsada ji kuch to log kahainge logon ka kaam hai kahana ... magar unke liye ham jina chod den yh kon si baat hui meri maaniye to is formule par chaliye "MAST RAHO MASTI MAIN AAG LAGE BASTI MAIN".... :-)kyun yh log aise hee hote hain jitne muh utni baaten esliye bas wo kijiye jismen aapko khushi mile aur or ko bhi taklif na ho aisaa to ho nahi sakta magar haan kam ho etna to ho hee sakta hai....
जवाब देंहटाएंबहुत सच्ची अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंमन के भाव को सुंदर शब्द
जवाब देंहटाएंkomal hriday ki baate badi nirmalta se uker di.
जवाब देंहटाएंsunder krti.
bahut sunder bhav............
जवाब देंहटाएंman tak aa gayee.....
जवाब देंहटाएंअंत:मन से निकले विचारों की सुंदर प्रस्तुती.मुझे अच्छी लगी..बधाई
जवाब देंहटाएंनारी मन का सुंदर वर्णन।
जवाब देंहटाएंप्यारी कविता...बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की हलचल आज (29/10/2011को) यहाँ भी है
जवाब देंहटाएंमन के भावों का प्रवाह हमे भी बहाये ले गया। सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंआज 29- 10 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
man ki baten man se hi kah pate hai...kashmakash ko sundar shabdon me piroya hai aapne.
जवाब देंहटाएंदिल तो ताउम्र
जवाब देंहटाएंएक बच्चा रहता है
एक यही है
जो हमेशा सच्चा रहता है
बहुत सुन्दर|
bahut sundar rachna.
जवाब देंहटाएंसबके मन की बात .सीधी सच्ची बात ,अच्छी लगी ये बात .बधाई सुन्दर प्रस्तुति के लिए .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा|
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना|
मन से उपजी मन तक पहुँची.
जवाब देंहटाएंफिर मन से अँखियन तक पहुँची.
बहुत ही कोमल रचना.
बड़ी सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
सदा जी नमस्कार, सुन्दर भाव मन मे ही रह जाती है मन की बातें सच कहा आपने मेरे भी ब्लाग पर आपका सादर स्वागत है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव ..अच्छी रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर... और सत्य ..कि हमें कई बार सिर्फ परिवार कुटुंब के लिए अपनी बात मन में रखनी पढ़ती है ... बहुत दुन्द्र्ता से आपने उन अहसासों को जुबान दी कविता के माध्यम से ..वाह
जवाब देंहटाएंअन्तर्मन का सच खरा सच होता है .......सुंदर रचना !
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