मैं जब भी
गुजरे पलों का हिसाब करती
हर बार की तरह
तुम्हे भुलाने की खाकर कसम
और ज्यादा याद करती
सिसकियां मेरी
खामोशियों पर इस कदर
वार करतीं
तनहाईयों को अपना
गवाह रखती
मैं पलकों को बंद करके
रब से फरियाद करती
मुहब्बत भरा दिल देना ठीक है
लेकिन उसका ये अंजाम
होना अच्छा नहीं ....
कब तक इस नासमझ को
समझाने के वास्ते
मैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी ....!!!!
आज 03-09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
आज 03-09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएं...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
पलो का हिसाब कौन कहाँ कब समझ पाता है ..बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति सदा जी बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंयादें कहाँ जाती हैं।
जवाब देंहटाएंसमझाने के वास्ते
जवाब देंहटाएंमैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी ....!!!!
जी, यही शिकायेंते ही तो कुछ जीने का जज्बा पैदा करती हैं... बेहतरीन अभिव्यक्ति.
सदा जी ..बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।... बधाई
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंमैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी ....!!!!बहुत ही अच्छी.....
जवाब देंहटाएंकब तक इस नासमझ को
जवाब देंहटाएंसमझाने के वास्ते
मैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी ....!!!
बहुत संवेदनशील बात ...
बढ़िया भाव... सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसादर...
मैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी ....!!!!
जवाब देंहटाएंसच बात है ...ये सिलसिला ख़त्म होने वाला नहीं है ...!!
बहुत सुंदर रचना ..
शिकायत मत कीजिये ....:))
जवाब देंहटाएंलीजिये हम आ गए बधाई देने .....
आपको ढेरों बधाइयां काव्य संकलन की .....
बहुत सुन्दर...!!!
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder bhav ki rachna..............
जवाब देंहटाएंसच है... बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंकब तक इस नासमझ को
जवाब देंहटाएंसमझाने के वास्ते
मैं यूं तुझसे शिकायत करती रहूंगी
सिलसिला ख़त्म होने वाला नहीं
बहुत खूबसूरत रचना |
जवाब देंहटाएंमुहब्बत भरा दिल देना ठीक है
जवाब देंहटाएंलेकिन उसका ये अंजाम
होना अच्छा नहीं ....
हर शख्स इस अंजाम से वाकिफ है फिर भी दिल देता है...खैर,अच्छी भावपूर्ण रचना हेतु बधाई
sada ji....aapki panktiyan mann ko chhoo gai..
जवाब देंहटाएंवाह, क्या बात है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव लिए कविता.
जवाब देंहटाएंkhud se ulajhte ehsaas
जवाब देंहटाएंकौन दे सकता है भला इन पलों का हिसाब ...
जवाब देंहटाएंकुछ पलों का हिसाब ना ही करना बेहतर होता है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
गहरी अभिव्यक्ति ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर नये प्रतीकों वाली सुन्दर रचना । बधाई ।
जवाब देंहटाएंantim panktiyon ne sab kuchh samjha diya.
जवाब देंहटाएंयूँ कब ताक शिकायत करें
जवाब देंहटाएंआओ अब कुछ नई बातें करें
जिन्हें हम भूलना चाहें वो अक्सर याद आते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत नाजुन सी रचना ... छूती है दिल को ...
आपकी किसी पोस्ट की हलचल है ...कल शनिवार (५-११-११)को नयी-पुरानी हलचल पर ......कृपया पधारें और अपने अमूल्य विचार ज़रूर दें .....!!!धन्यवाद.
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