tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post637060809043265455..comments2024-03-12T13:05:07.318+05:30Comments on SADA: मेरी हैरानियों का जवाब बस माँ !!!!सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-9564395527784181172014-06-20T17:18:29.300+05:302014-06-20T17:18:29.300+05:30काश माँ हर रोज़ इस तरह ज़िंदगी को गले लगा सकती। बहुत...काश माँ हर रोज़ इस तरह ज़िंदगी को गले लगा सकती। बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति। Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-2234220841043900632014-05-20T16:23:58.699+05:302014-05-20T16:23:58.699+05:30बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको ब...बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...<br />नयी पोस्ट<a href="http://pbchaturvedi.blogspot.in/" rel="nofollow">@आप की जब थी जरुरत आपने धोखा दिया (नई ऑडियो रिकार्डिंग)</a><br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-43931251918375169092014-05-13T08:20:00.231+05:302014-05-13T08:20:00.231+05:30अति सुन्दर भाव को सुन्दर शब्द दिया है आपने .. माँ ...अति सुन्दर भाव को सुन्दर शब्द दिया है आपने .. माँ ऐसी ही होती है.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-39068965554787880632014-05-12T13:14:29.414+05:302014-05-12T13:14:29.414+05:30माँ ... जिस एक शब्द में जीवन का सार छिपा है ... उस...माँ ... जिस एक शब्द में जीवन का सार छिपा है ... उसका विस्तार कितना है ... उअका भाव कितना है देखते ही बनता है ... भावपूर्ण रचना ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-82550746149897473212014-05-10T22:57:17.255+05:302014-05-10T22:57:17.255+05:30हर माँ को नमन हर माँ को नमन Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-32827381864617031532014-05-10T19:01:33.469+05:302014-05-10T19:01:33.469+05:30पर चाहती हूँ आज तुम उठो
सिर्फ औ’ सिर्फ
उगते सूरज ...पर चाहती हूँ आज तुम उठो <br />सिर्फ औ’ सिर्फ<br />उगते सूरज को देखने के लिये<br />भोर में सुनो<br />चिडि़यों की चहचहाहट<br />कुछ गुज़रे पलो संग मुस्कराओ<br />हँसकर जिंदगी को गले लगाओ<br />मातृत्व दिवस के दिन को<br />अपने हंसी जैसा निश्छल बनाओ।<br /><br />बहुत सुंदर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-88662009833857593912014-05-10T16:13:22.656+05:302014-05-10T16:13:22.656+05:30 maa ko samarpit khubsurat rachnaa
निविया : हीर ... maa ko samarpit khubsurat rachnaa <br />निविया : हीर राँझाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/10711074114205495463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-53527868548356240032014-05-10T12:14:10.826+05:302014-05-10T12:14:10.826+05:30मातृ दिवस पर बहुत ही प्यारी और सुन्दर रचना....
:-)...मातृ दिवस पर बहुत ही प्यारी और सुन्दर रचना....<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-3791401134402668442014-05-10T11:38:35.763+05:302014-05-10T11:38:35.763+05:30एक समर्पित कविता । आपका सुंदर मन और समवेदनाएं एक समर्पित कविता । आपका सुंदर मन और समवेदनाएं Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-75583201717652020372014-05-10T10:46:46.692+05:302014-05-10T10:46:46.692+05:30एक बार फिर गहराई से निकली मन को गहरे तक छूती रचना ...एक बार फिर गहराई से निकली मन को गहरे तक छूती रचना !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-15806639095374143772014-05-10T08:11:29.588+05:302014-05-10T08:11:29.588+05:30"माँ" इतना छोटा सा शब्द और इतना व्यापक अ..."माँ" इतना छोटा सा शब्द और इतना व्यापक अर्थ लिये कि अगर समस्त वनस्पतियों की कलम से सप्तसिन्धु की रोशनाई बनाकर भी सारी धरती को कागज़ मानकर उसकी महिमा लिखी जाए तो नहीं समाएगी!! <br />आपकी यह रचना उसी शृंखला की एक कड़ी है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-85857527657150912712014-05-09T23:14:52.660+05:302014-05-09T23:14:52.660+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की च...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (10-05-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मेरी हैरानियों का जवाब बस माँ" (चर्चा मंच-1608) </a> पर भी होगी!<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-47353752792665973822014-05-09T22:47:39.197+05:302014-05-09T22:47:39.197+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन भारत का 'ग्लेड...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/05/blog-post_9.html" rel="nofollow"> भारत का 'ग्लेडस्टोन' और ब्लॉग बुलेटिन </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-31570276854186891122014-05-09T20:56:02.660+05:302014-05-09T20:56:02.660+05:30☆★☆★☆
पर चाहती हूँ आज तुम उठो
सिर्फ औ’ सिर...<b> </b> <br /><b> </b> <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in" rel="nofollow">☆★☆★☆</a></b><br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b>पर चाहती हूँ आज तुम उठो <br />सिर्फ औ’ सिर्फ<br />उगते सूरज को देखने के लिये<br />भोर में सुनो<br />चिडि़यों की चहचहाहट<br />कुछ गुज़रे पलो संग मुस्कराओ<br />हँसकर जिंदगी को गले लगाओ </b> <br />वाह वाऽह…! बहुत भावनात्मक पंक्तियां हैं..<br /><b> </b> <br /><b> </b> <b> </b> <b><i> आदरणीया सदा जी</i></b> <br /> मातृत्व दिवस को समर्पित सुंदर रचना के लिए हृदय से साधुवाद !<br /> ...और बहुत बहुत मंगलकामनाएं !<br /><br /> शुभकामनाओं सहित...<br />-राजेन्द्र स्वर्णकार<br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-43155181051301785642014-05-09T17:20:41.656+05:302014-05-09T17:20:41.656+05:30बेहद सुंदर प्रस्तुति..मदर्स डे पर अपने ब्लॉग www.f...बेहद सुंदर प्रस्तुति..मदर्स डे पर अपने ब्लॉग www.filmihai.blogpot.com पर भी कुछ लिखा है आपका स्वागत है... :)Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-12812340829870614622014-05-09T14:53:18.885+05:302014-05-09T14:53:18.885+05:30bahut pyaari samarpit rachna
bahut pyaari samarpit rachna<br />रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-13630326077675302332014-05-09T11:28:20.520+05:302014-05-09T11:28:20.520+05:30मान को बहुत सुन्दर कृतज्ञ ज्ञ्यापन !
New post ऐ जि...मान को बहुत सुन्दर कृतज्ञ ज्ञ्यापन !<br />New post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2014/05/blog-post.html#links" rel="nofollow"> ऐ जिंदगी !</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-86819845459853712022014-05-09T11:06:20.426+05:302014-05-09T11:06:20.426+05:30माँ
भोर की
पहली किरण के साथ उठ
लग जाती है
दूसरो...माँ <br />भोर की <br />पहली किरण के साथ उठ<br />लग जाती है <br />दूसरों के प्रति <br />निबाहने अपना कर्तव्य <br />भूल कर <br />अपना अस्तित्व ।<br />माँ के प्रति समर्पित मन को छू लेने वाले भाव । <br /><br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-77777067907293420092014-05-09T10:42:04.929+05:302014-05-09T10:42:04.929+05:30सुबह सवेरे अलार्म की आवाज से हड़बड़ाते उठना और कभी स...सुबह सवेरे अलार्म की आवाज से हड़बड़ाते उठना और कभी सफाई तो कभी रसोई के बीच अधिकांश स्त्रियां /माएं सूर्योदय के इस हसीँ मंजर का लुत्फ़ नहीं उठा पाती हैं , इस पर ध्यान दिलाती है कविता !<br />खूबसूरत अभिव्यक्ति ! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-46850998495451924912014-05-09T10:22:26.303+05:302014-05-09T10:22:26.303+05:30माँ के लिये स्नेह की बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति है ...माँ के लिये स्नेह की बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-24483988505822418782014-05-09T10:17:09.822+05:302014-05-09T10:17:09.822+05:30 मन को छू गई.... मन को छू गई....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-45953580355743898092014-05-09T10:13:54.179+05:302014-05-09T10:13:54.179+05:30हमेशा की तरह मर्मस्पर्शी कविता ...शुभकामनायें हमेशा की तरह मर्मस्पर्शी कविता ...शुभकामनायें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-15043877758002062832014-05-09T09:57:07.905+05:302014-05-09T09:57:07.905+05:30मातृत्व दिवस पर सुंदर कविता..बधाई !मातृत्व दिवस पर सुंदर कविता..बधाई !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com