tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post599957310121095152..comments2024-03-12T13:05:07.318+05:30Comments on SADA: कुछ गुनाह ...!!!सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-10211716281644165782012-11-08T14:24:11.193+05:302012-11-08T14:24:11.193+05:30कुछ गुनाहों को मैने
देखा है नींद के लिये तरसते हुय...कुछ गुनाहों को मैने<br />देखा है नींद के लिये तरसते हुये<br />खुली आंखों से लम्बी रातों की कहानी<br />सन्नाटों को चीरती अंजानी आवाजें<br />घबराकर कानों पर हथेलियों का रखना...<br /><br /><br />कुछ गुनहा जान कर किए जाते हैं और कुछ अनजाने में हो जाते है ...पर मन पर पड़े बोझ को कोई कैसे कम करे ...सशक्त अभिव्यक्ति ...बहुत खूब ...सादर Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-72244608266981937652012-11-08T07:30:06.855+05:302012-11-08T07:30:06.855+05:30झूट के आवरण तले सच कुलबुलाता रहता है...कभी न कभी व...झूट के आवरण तले सच कुलबुलाता रहता है...कभी न कभी वह आवरण को हटा देने में सफल हो ही जाता है...सुंदर रचना!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-71710150622848330682012-11-07T20:50:40.611+05:302012-11-07T20:50:40.611+05:30कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी
सच के सामन...कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी<br />सच के सामने शर्मिन्दा होते हैं<br />पश्चाताप के आंसुओं से<br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर<br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध ....<br />एकदम सही बात..<br />बहुत ही बढ़ियाँ रचना...<br /><br />मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-10219213338740330472012-11-07T16:37:01.606+05:302012-11-07T16:37:01.606+05:30सच कभी छिपता नहीं
कभी कैद नहीं होता
अटल .. अविचल ...सच कभी छिपता नहीं<br />कभी कैद नहीं होता <br />अटल .. अविचल ... अमिट जो होता है<br />वही मन का सुकून होता है !!!<br />.... <br /><br /> SADA JI BAHUT HI SUNDAR RACHANA ....VAKAI SACH KABHI NAHI CHHIPATA HAI .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-4173590767547409682012-11-07T11:11:42.291+05:302012-11-07T11:11:42.291+05:30कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी
सच के साम...कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी <br />सच के सामने शर्मिन्दा होते हैं <br />पश्चाताप के आंसुओं से <br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर <br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध और <br />हर गुनाह से तौबा कर सच का साथ देते हुए <br />यही कहते हैं ...<br />सच कभी छिपता नहीं <br />कभी कैद नहीं होता <br />अटल .. अविचल ... अमिट जो होता है<br />वही मन का सुकून होता है !!! <br />bahut behtareen abhiwayakti .......sacchaai ko uker diya hai kagaj ke pannon par ...badhai....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-66553528554525687862012-11-07T09:08:18.627+05:302012-11-07T09:08:18.627+05:30...anjane me sahi ,anubhuti hote hi kuchh pashchat......anjane me sahi ,anubhuti hote hi kuchh pashchataap ajeevan chalte hain.man ko chhooti panktiyan Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-12109129353448362072012-11-07T08:27:06.432+05:302012-11-07T08:27:06.432+05:30बहुत बढ़िया और सच्ची बात
बहुत बढ़िया और सच्ची बात <br />nayee duniahttps://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-68945137131297169732012-11-07T07:14:43.777+05:302012-11-07T07:14:43.777+05:30bahu sundar rachna" jb sachayee nirvasn hone ...bahu sundar rachna" jb sachayee nirvasn hone lagi log bastra pahnane lage hai.....such ko khule man se swikar kar lena hi shreyashkr hota haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-21706040803938582112012-11-07T04:41:59.356+05:302012-11-07T04:41:59.356+05:30पश्चाताप के आंसुओं से
मन की सारी ग्लानि को बहाक...पश्चाताप के आंसुओं से <br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर <br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध और <br />हर गुनाह से तौबा कर सच का साथ देते हुए <br />यही कहते हैं ...<br />सच कभी छिपता नहीं <br /><br />सही कहा कि गुनाह कबूलने में ही मन की शांति है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-5096069911651918132012-11-06T13:15:28.299+05:302012-11-06T13:15:28.299+05:30सच कभी छिपता नहीं
कभी कैद नहीं होता
अटल .. अविच...सच कभी छिपता नहीं <br />कभी कैद नहीं होता <br />अटल .. अविचल ... अमिट जो होता है<br />वही मन का सुकून होता है !!! <br /><br />गलतियों से सबक लेकर आगे बढना ही जिंदगी है <br />दुख तो तब होता है जब लोग गलती करके भी खुद को सही ठहराते है <br />और दुनिया में अधिकतर समस्याएँ इसी वजह से होती है <br />बहुत उम्दा रचना है ।<br />नादिर खान https://www.blogger.com/profile/02357024049446530444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-4541110408708672522012-11-06T13:00:17.705+05:302012-11-06T13:00:17.705+05:30कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी
सच के सामन...कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी<br />सच के सामने शर्मिन्दा होते हैं<br />पश्चाताप के आंसुओं से<br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर<br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध और<br />हर गुनाह से तौबा कर सच का साथ देते हुए<br />यही कहते हैं ...<br />सच कभी छिपता नहीं<br />कभी कैद नहीं होता <br />अटल .. अविचल ... अमिट जो होता है<br />वही मन का सुकून होता है !!! <br /><br /><br />बिल्कुल सच, मन को छू गई ये रचना<br />बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-91012118798661674542012-11-06T09:17:12.137+05:302012-11-06T09:17:12.137+05:30सच कभी छिपता नहीं
कभी कैद नहीं होता
अटल .. अविचल ...सच कभी छिपता नहीं<br />कभी कैद नहीं होता <br />अटल .. अविचल ... अमिट जो होता है<br />वही मन का सुकून होता है !!!<br /><br />..बेहद उम्दा और सटीक.<br />एक झूट को छिपाने के लिए हजार झूट बोलने पड़ते हैं और इस तरह आदमी झूट के सागर में डूबता जाता है-डूबता जाता है ...फिर एक सच्च के साथ ही इस सागर से बहार निकल आता है और एक सकून भरी जिन्दगी जीने लगता हैं. <br /><br />मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत हैं ...<br />http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/11/blog-post_6.html<br /><br /> Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-40606685244157624192012-11-06T08:59:28.414+05:302012-11-06T08:59:28.414+05:30बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आ...बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....<br />विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-82188129491518093002012-11-06T08:02:51.461+05:302012-11-06T08:02:51.461+05:30basic principle of crime and punishment...basic principle of crime and punishment...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-82320086246465553012012-11-06T01:09:34.633+05:302012-11-06T01:09:34.633+05:30बिल्कुल..... विचारणीय भाव लिए कविताबिल्कुल..... विचारणीय भाव लिए कविता डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-37529191635098657432012-11-05T23:41:50.090+05:302012-11-05T23:41:50.090+05:30अंजाने में किया गया गुनाह तो क्षम्य होता है यदि...अंजाने में किया गया गुनाह तो क्षम्य होता है यदि लोग यह समझने लगें कि उनका किया गया कार्य गुनाह है तो शायद गुनाह कुछ कम हो जाएँ ..... सुंदर प्रस्तुति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-29061017921788468922012-11-05T22:00:44.589+05:302012-11-05T22:00:44.589+05:30क्या इत्तेफाक है , मैं अभी crime petrol ही देख रहा...क्या इत्तेफाक है , मैं अभी crime petrol ही देख रहा था , कि यहाँ भी गुनाह की बात | :)<br />वैसे सचमुच बहुत ही बखूबी लिखा है , मन की मनोभावनाओं को | गुनाह तो हर कोई करता होगा कोई छोटा तो कोई बड़ा , लेकिन उसके बाद जो उसके मन में अंतर्द्वंद चलता है उसका बहुत अच्छा चित्रण |<br />"चिल्लाकर दीवारों के आगे सच कुबूल करना" <br />मेरी पसंदीदा पंक्ति |<br />कुछ मेरा भी -<br />आज जब नाखूनों से दिल को करोंचा अपने ,<br />मुझे तेरे लहू के वहाँ , छींटे नजर आये |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-52958218003469185542012-11-05T21:48:26.598+05:302012-11-05T21:48:26.598+05:30कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी
सच के सामन...कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी<br />सच के सामने शर्मिन्दा होते हैं<br />पश्चाताप के आंसुओं से<br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर<br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध ....बहुत सही कहा सदा जी.बहुत बढ़िया...<br />Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-9161724889461825772012-11-05T21:26:13.212+05:302012-11-05T21:26:13.212+05:30वाह बहुत खूब...वाह बहुत खूब...कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-7634158877027883822012-11-05T19:59:58.263+05:302012-11-05T19:59:58.263+05:30वाह बहुत खूब ... :)
भुने काजू की प्लेट, विस्की क...वाह बहुत खूब ... :)<br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/11/blog-post_5.html" rel="nofollow"> भुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन </a> आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-72155791031338791832012-11-05T18:50:51.491+05:302012-11-05T18:50:51.491+05:30सच ही जीते, हर घटना में..वही साध्य हो।सच ही जीते, हर घटना में..वही साध्य हो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-62312356345016963972012-11-05T18:40:18.610+05:302012-11-05T18:40:18.610+05:30मन के सुकून से बढ़ कर कोई सुकून नही ......
शुभकामन...मन के सुकून से बढ़ कर कोई सुकून नही ......<br />शुभकामनाएँ!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-215418797150188772012-11-05T17:47:00.555+05:302012-11-05T17:47:00.555+05:30ज़ख्म जब भी कोई जहन-ओ-दिल पे लगा ज़िंदगी की तरफ एक...ज़ख्म जब भी कोई जहन-ओ-दिल पे लगा ज़िंदगी की तरफ एक दरीचा खुला<br />हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं चोट खाते रहे गुन-गुनाते रहे.....राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-40273237268793774622012-11-05T17:05:23.055+05:302012-11-05T17:05:23.055+05:30बहुत बढ़िया...
कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं ज...बहुत बढ़िया...<br /><br />कुछ गुनाह़ अंजाने में हो जाते हैं जब भी<br />सच के सामने शर्मिन्दा होते हैं<br />पश्चाताप के आंसुओं से<br />मन की सारी ग्लानि को बहाकर<br />कुबूल कर लेते हैं अपना अपराध ....<br /><br />सच बात..<br />सस्नेह<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-13610335154038699942012-11-05T15:49:45.737+05:302012-11-05T15:49:45.737+05:30gunaah ki sthiti ko bakhubi ukera hai.gunaah ki sthiti ko bakhubi ukera hai.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.com