tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post5336914007590156238..comments2024-03-12T13:05:07.318+05:30Comments on SADA: आँखें हो उठती धुँआ-धुँआ !!!सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-46390553495773962882015-06-03T16:25:14.075+05:302015-06-03T16:25:14.075+05:30ये बवंडर क्यों उठा ? ये बवंडर क्यों उठा ? संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-23398372003252645392015-02-09T20:55:49.472+05:302015-02-09T20:55:49.472+05:30ऐसा लगता है गहरे अंतस से उपजी है यह रचना! दर्द और ...ऐसा लगता है गहरे अंतस से उपजी है यह रचना! दर्द और चीख़ें... ज़रा सा सध गईं तो तकलीफ नहीं देतीं! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-59930080993404015042015-02-09T09:26:59.910+05:302015-02-09T09:26:59.910+05:30कई मर्तबा दर्द वहीं ज्यादा होता है..जहाँ चीखें नही...कई मर्तबा दर्द वहीं ज्यादा होता है..जहाँ चीखें नहीं होती। सुंदर प्रस्तुति।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-63286589456687359642015-02-06T17:19:31.580+05:302015-02-06T17:19:31.580+05:30एक चीख गले में
आकर जाने क्यूँ
दम तोड़ गई !
.....एक चीख गले में <br />आकर जाने क्यूँ <br />दम तोड़ गई !<br /><br />... अहा ! बेहद खूबसूरत...<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-49455745329640162232015-02-06T09:29:33.592+05:302015-02-06T09:29:33.592+05:30पीड़ , दर्द , चीख.....
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव...पीड़ , दर्द , चीख.....<br />बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-36092419937631424892015-02-05T15:15:41.827+05:302015-02-05T15:15:41.827+05:30बहुत सुन्दर भाव.
नई पोस्ट : ओऽम नमः सिद्धमबहुत सुन्दर भाव.<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2015/02/blog-post_5.html" rel="nofollow"> ओऽम नमः सिद्धम</a><br /> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-19933897888237953632015-02-04T18:17:00.608+05:302015-02-04T18:17:00.608+05:30बहुत ही सुंदर रचना ... आपका धन्यवाद ...
मेरे ब्लॉ...बहुत ही सुंदर रचना ... आपका धन्यवाद ... <br /><a href="http://gyantarang.blogspot.com" title="मेरे इस छोटे से ब्लॉग को आप सभी लोग जरूर पढ़े . उम्मीद है की यह आपके काम आयेगा. इस ब्लॉग को बनाने का उदेश्य आपके ज्ञान में वृद्धि करना है .आपको मेरे ब्लॉग पर आकर कोई निराशा नहीं होगी. आप सभी लोग जरूर आईयेगा मेरे इस छोटे से ब्लॉग पर . आप लोगो के आने का इन्तजार रहेगा. जरूर पधारे. धन्यवाद." rel="nofollow">मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-34504466949608330292015-02-03T19:08:14.631+05:302015-02-03T19:08:14.631+05:30सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा क...सार्थक प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (04-02-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> रहे विपक्षी खीज, रात दिन बढ़ता चंदा ; चर्चा मंच 1879 </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-8584208912640860052015-02-03T18:46:14.189+05:302015-02-03T18:46:14.189+05:30वाकई ऐसा ही होता है । मन को छूते भाव वाकई ऐसा ही होता है । मन को छूते भाव डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-2573541516492588582015-02-03T14:23:12.315+05:302015-02-03T14:23:12.315+05:30यकीन जब खुद पर हो तो उसे तोड़ना आसान नहीं...इस पीड़ा...यकीन जब खुद पर हो तो उसे तोड़ना आसान नहीं...इस पीड़ा के पार ही छुपा है एक कल कल छलकते जल का सरवर....Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-76145602969343285292015-02-02T21:37:19.546+05:302015-02-02T21:37:19.546+05:30चीखें तो अक्सर दर्द के ही करीब होती हैं . चीखें तो अक्सर दर्द के ही करीब होती हैं . गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5974912086413824889.post-67249414865278630582015-02-02T18:41:48.094+05:302015-02-02T18:41:48.094+05:30जब दर्द हद से अधिक हो तो चीख गले में रुक जाती है
...जब दर्द हद से अधिक हो तो चीख गले में रुक जाती है <br />आँखें रेगिस्तान हो जाती हैं <br />रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com