ज़िंदगी की चाय में
उबाल देना
सारे रंजो-ग़म
अनबन की गाँठ वाली अदरक को,
कूट-पीटकर डाल देना
जिसका तीखा सा स्वाद भी
बड़ा भला लगेगा,
मिठास के लिए
ज़रा सा अपनापन
डालते ही
जायकेदार चाय
पिला सकोगे
अपने अपनो को !!!
...
मुस्कराहटों के मायने
मत पूछा करो तुम,
दर्द को छिपाने में
.... आँसुओं को,
पलकों की ....
कोरों पे रोकने में
अक़्सर ये,
शुभचिंतक हो जाती है!!!
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