शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

बूँद बूँद गिरता नेह !!!!

सावन आता
बूँद बूँद गिरता
नेह मन का !
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मेहंदी सजा
सावन में बहना
शुभ करती !
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पावन रिश्ता
बंधन है स्नेह का
निभाना सदा !
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अक्षत रोली
सजा थाली में राखी
बहना लाई !
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चूड़ी खनके
मेंहदी वाले हाँथ
बाँधे जो राखी !
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मंगलवार, 14 अगस्त 2018

उत्सव मनाना तुम !!!

स्वतंत्रता दिवस का
उत्सव मनाना तुम
तिरंगा भी फहराना पर
शपथ मत लेना उसके नीचे
आन बान शान की
तुम्हारे शब्दों की ये गुलामी
वो सह नहीं पायेगा
साये में उसके छल होता तो है
पर वो किसी से कह नहीं पायेगा !!!
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जहाँ बेटी को जन्म देने से
माँ घबराती
मौत हो जाती है
भूख से
सौदेबाज़ी हो जाती
ख़ाकी वर्दी में
दरिंदों की बस्तियों में
कैद हो जाती है
मासूमियत सुरक्षा गृहों में
जश्न मनाने को बचा क्या
पढ़ाने को इतिहास में
रहा क्या ????

शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

मन का मौसम !!!!

इन बेचैनियों को
सुकून तेरे साथ से मिलता है
दूरियों को ये बातें
मैं कैसे समझाऊं भला !
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उदास शाम की क्यारी में
मैंने रोप दिया है पौधा
रात की रानी का
जब भी इसके क़रीब से गुजरोगे
मन का मौसम बदल जायेगा !!!
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