बेटियां होती
दोनों कुल का मान
स्वीकारो ये !
....
बिन बेटी के
ना भाग्य संवरता
जाना ना भूल !
....
बेटी होती है
प्लस का एक चिन्ह
जो जोड़े सदा !
....
बेटी नहीं है
जिन्हें तरसते वो
कन्यादान को !
....
बेटियां होती
बिंदी रोली कुंकुम
पूजा की पात्र !
....
बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !
....बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !
दोनों कुल का मान
स्वीकारो ये !
....
बिन बेटी के
ना भाग्य संवरता
जाना ना भूल !
....
बेटी होती है
प्लस का एक चिन्ह
जो जोड़े सदा !
....
बेटी नहीं है
जिन्हें तरसते वो
कन्यादान को !
....
बेटियां होती
बिंदी रोली कुंकुम
पूजा की पात्र !
....
बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !
....बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !