मंगलवार, 20 अगस्त 2013
बुधवार, 14 अगस्त 2013
तिरंगे को करके अर्पित सुमन !!!
तिरंगे की शान में जब भी, सुमन अर्पित करता हूँ,
देश तुझे ये दिल ही नहीं जां भी समर्पित करता हूँ ।
परम्पराओं के देश में तिरंगे को करके अर्पित सुमन,
वीरों की कुर्बानियों को आज ये दिन समर्पित करता हूँ ।
अभिनन्दन ही नहीं वंदन भी है उन वीरों की शहादत को,
आजादी के जश्न में आने वाला हर पल समर्पित करता हूँ ।
विश्वास के रास्तों पर जो सदा उम्मीदों की बस्तियाँ बसाते हैं,
ऐसे वीर सेनानियों को जय हिन्द के बोल समर्पित करता हूँ ।
शुक्रवार, 2 अगस्त 2013
किसी याद का फिरकनी की तरह घूमना !!!!
एक दिन में ले आई लम्बी डोर
नापने लगी कद यादों का
वो झल्लाईं बावली हुई है
हमारा कद नापो मत
हमारी बढ़त रूक जाएगी
मैं मुस्कराई
ठहर कर सोचने लगी
यादों की बढ़त के बारे में
लगी जब फिसलने
वे रेत की तरह मेरी हथेली से
जाने क्यूँ मैं इन्हें थाम कर रख ना पाई
एक जगह बस घूमती रहीं
ये मेरे इर्द-गिर्द या फिर
मैं ही इनसे दूर जा ना पाई !!!
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हर मन में यादों का एक गोलाम्बर होता है,
हर याद करती है जाने कितनी बार
परिक्रमा उसकी
जिसके इर्द-गिर्द हम
कितनी यादों को क्रम से खड़ा कर देते हैं
सब अपनी बारी आने तक
हमारी ओर ही तकती रहती हैं
किसी याद का फिरकनी की तरह घूमना
मन का बेचैन कर देता है !!!!
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