दिल के धड़कने को जो तुम
जिंदगी कहते हो तो
मुझे एतराज़ है
तुम्हारे इस ख्याल से
धड़कनों से तो सिर्फ यह
नश्वर शरीर ही जिंदा रहता है
जिंदगी तो हर वक़्त को
जीने का नाम है
...
इस जीने के क्रम में
कुछ किश्तों की अदाएगी जैसा हाल होता है
जिंदगी का
टुकड़ो में बँटी यह जिंदगी
कभी परिश्रम करती है कभी प्रयास करती है
तब जाकर कहीं इन दो आंखों में
उम्मीद के कुछ क्षण नज़र आते हैं तो कभी
रह जाती है सिर्फ़ हिस्से में वितृष्णा
जिंदगी इक पहेली भी है तो कभी सहेली भी
बिल्कुल सीधी सरल तो कभी एक उलझन
जो सुलझाये न सुलझे
....
एक सिलसिला जन्म से मृत्यु तक
अनवरत् चलता रहता है
एक का पालन -पोषण
हर दूसरी जिंदगी का कर्तव्य
बन जाना ही नहीं
बल्कि हर एक की नज़र में
इसकी परिभाषाएं अलग हैं
कभी एक चुनौती लगती है
तो कभी जैसे कोई जंग हो
जिसे हर हाल में लड़ना ही है
...
कभी जिंदगी बहती नदिया सी
तो कभी ठहरा हुआ पानी
जीत उसकी होती है हरदम
जिसने हार कभी न मानी
....
जिंदगी कहते हो तो
मुझे एतराज़ है
तुम्हारे इस ख्याल से
धड़कनों से तो सिर्फ यह
नश्वर शरीर ही जिंदा रहता है
जिंदगी तो हर वक़्त को
जीने का नाम है
...
इस जीने के क्रम में
कुछ किश्तों की अदाएगी जैसा हाल होता है
जिंदगी का
टुकड़ो में बँटी यह जिंदगी
कभी परिश्रम करती है कभी प्रयास करती है
तब जाकर कहीं इन दो आंखों में
उम्मीद के कुछ क्षण नज़र आते हैं तो कभी
रह जाती है सिर्फ़ हिस्से में वितृष्णा
जिंदगी इक पहेली भी है तो कभी सहेली भी
बिल्कुल सीधी सरल तो कभी एक उलझन
जो सुलझाये न सुलझे
....
एक सिलसिला जन्म से मृत्यु तक
अनवरत् चलता रहता है
एक का पालन -पोषण
हर दूसरी जिंदगी का कर्तव्य
बन जाना ही नहीं
बल्कि हर एक की नज़र में
इसकी परिभाषाएं अलग हैं
कभी एक चुनौती लगती है
तो कभी जैसे कोई जंग हो
जिसे हर हाल में लड़ना ही है
...
कभी जिंदगी बहती नदिया सी
तो कभी ठहरा हुआ पानी
जीत उसकी होती है हरदम
जिसने हार कभी न मानी
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