सोमवार, 28 मार्च 2011
वर्ल्ड कप की जीत के नाम ....
दुआ हो सच्चे दिल की
तो कभी खाली नहीं जाती
यही वो शय है
जो रब से भी टाली नहीं जाती
ख्याल इक जीत का,
उसी ख्याल को
हम दुआओं में बदलते हैं
आइये सब मिलकर
एक दुआ करते हैं
भावना जीत की है
जिसमें एक-एक दुआ का
निवेश करते हैं
वर्ल्ड कप को
भारत लाने के सपने में
हम सब अपनी - अपनी
दुआओं से सहयोग करते हैं
आइये तो एक दुआ
वर्ल्ड कप की जीत के नाम ....
सब मिलकर करते हैं ...!!
!! ... जय हिन्द .... !!
शनिवार, 26 मार्च 2011
मां मेरी हमजोली है ...
मैने अभी-अभी
मां कहना सीखा है,
और कोई शब्द मुंह से
निकलता है न मेरी बोली
कोई समझता है,
सच मानो तो
मां मेरी हमजोली है
मेरे आंखों की भाषा को
वह पढ़ लेती है,
मेरे मौन को भी सुन लेती है
मैने अभी-अभी ....।।
मेरी भूख-प्यास का
मुझसे पहले
मां को पता चल जाता है,
जब भी मैने
मां की उंगली थामी है
चलते से रूक जाती है
मेरी ममता की मनुहार को
आंचल में अपने छिपाती है
माथे पे मेरे
बुरी नज़र से बचने को
काज़ल का टीका भी लगाती है
मैने अभी - अभी ....।।
मंगलवार, 22 मार्च 2011
विलुप्त नहीं होती ....
(1)
ये अभिलाषाएं कभी भी
सुप्त नहीं होती
नदियां सूखी हों कितनी भी
विलुप्त नहीं होती
इनके पत्थरों
पर जमी काई सूखकर
हरी से सफेद जरूर
हो जाती है .....!!
(2)
तुम्हारी शिकायतें,
तुम्हारी रूसवाईयां किससे हैं ,
जिसकी नजरों में
तुम्हारी खुशियों की कोई
अहमियत नहीं है
तुम उसके लिये हर पल
अपना दांव पर लगा देते हो,
उसके चेहरे पर एक
मुस्कराहट लाने के लिये
खुद तुम्हारा चेहरा
आंसुओं से भीग जाता है
तुम्हें अहसास ही नहीं
तुम्हारी हर ख्वाहिश
सिर्फ उसकी
खुशी तक सीमित है ... !!
मंगलवार, 1 मार्च 2011
प्रेम सच्चा होता है तो ....
निर्मल विचारों से
कितना निखरते हैं रिश्ते
प्रेम होता पावन
उनके बंधन के लिये
किसी डोर की
जरूरत नहीं पड़ती
मन से मन का रिश्ता
हर धड़कन के साथ
मजबूत होता
सबसे कहता जाता है
हमें परखना
समय की कसौटी पर ....।
दूरियां हमारे बीच
कभी भी दीवार नहीं बनीं
हम आज भी
साथ-साथ चलते हैं
क्योंकि हम खुद के लिये नहीं
सिर्फ अपनों के लिये
अपनी खुशी से जीते हैं
इस जुदाई को भी
हम हर गुजरे हुये पल से
रोज सजाते हैं
प्रेम सच्चा होता है तो
दूर रहकर भी
पास होने का अहसास होता है ....।